Wednesday, November 13, 2024

अँधेरी रात में बैठे मुक्तक


बदलते रहेगा जीवन का मौसम,
हम हर मौसम की इस बरसात में बैठे हैं।

हिम्मत का इरादा सदा बना रहें,
जिंदगी,हौसलों के,जज्बात में बैठे हैं 

एक दिन सत्य की जीत होंगी कभी,
दुनिया देखेगी हमारी इसी पहचान को।

जीवन में होगा एक दिन उजाला, 
इसलिए आज अंधेरी रात में बैठे हैं।
मोहित जागेटिया 



No comments:

Post a Comment