प्रेम के रंग में रंग गया ,होली मनातें मनातें वो रसिया
भांग के भंग में भंग गया,आज गीत गाते गाते वो रसिया
प्रेम की ऐसी मारी पिचकारी सब गोपिया उसकी दीवानी
प्रेम रंग में सब भूल गया अपने घर जाते जाते वो रसिया।।
होली की आई बहार होगी आज फूलों की बौछार ।
राधा और गोपी के संग होगी ये कान्हा की पुकार ।
आज कान्हा की नगरी में राधा संग होली खेलेंगे,
कान्हा संग मस्ती होगी मिलेगा वहाँ हम सब को प्यार।
मोहित
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