"तुम्हारे बिगर कुछ अच्छा नही लगता है"
तुम्हारे बगैर कुछ भी
मन नही लगता है
तन उदास-उदास
रहता कुछ भी अच्छा
नही लगता है।
दिल बेचैन है
मासूम सा चेहरा
निराश निराश रहता है।
तुम्हारी याद हर पल
बहुत आती है
तड़पता है दिल रोता है
बगैर तुम्हारे सब
अकेलापन लगता है।
तुम्हारी सोच में ख़ोया
ये मन रहता है।
ये दिल बार बार
तुम्हें याद करता है। ।
तुम्हारे बगैर कुछ भी
अच्छा नही लगता।।
मोहित जागेटिया
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