मेरी जीवन रेखा तुम मेरा आकार हो ।
तुम धड़कन मेरी मोहब्बत का सार हो।
कल कल करती जीवन की आवाज हो तुम,
मेरे जीवन का तुम ही तो आधार हो।।
तुम से ही तो महकता मेरा उपवन है।
खिल जाता है जो तुम से मेरा ये मन है।
मेरे इस जीवन की हर हम राह तुम से,
तेरी हर सासों से महकती धड़कन है।
प्रेम के भाव से भरा तुम्हारा प्यार है।
हर ऋतु की तुम से जीवन में बहार है।
मेरी महकती वादियां ये खिलता चमन,
मेरे जीवन की तुम से पतवार है।।
तेरी खुशबू को सासों में बसाया है।
जन्म जन्म का रिश्ता तुम से बनाया है।
तुम से प्रीत,प्रणय परिणय बंधन बांध कर,
हमने सात जन्मों रिश्ता अपनाया है।।
मोहित जागेटिया
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