Tuesday, July 20, 2021

बरस जाओ बादल


बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल।
आ गया है सावन ,
महक जाए ये मन ।।

दिल की यही आवाज है ,
तुम से धरती का साज है ।
ले आओ धरती की आस ,
मन सबका कहता आज है ।।

बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल ।
आ गया है सावन ,
धरा से निकले अन्न।।

आज बुला रहा हर किसान ,
विनती करता हर इंसान ।
नदिया, झरने की आवाज ,
अब तो सुन लो हे भगवान ।।

बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल ।
आ गया है सावन ,
महक जाए हर वन ।।

धरती का प्रेम बुला रहा ,
मोर पपिया गीत गा रहा ।
साजन जो घर से दूर है ,
प्रेम उसका अब सता रहा ।।

बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल ।
आ गया है सावन ,
आवाज देता तन ।।

जिंदगी में खुशहाली हो ,
हर तरफ अब हरियाली हो ।
जब खूब बरसे बरखा तो ,
हर वक्त ये दीवाली हो ।।

बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल ।
आ गया है सावन ,
माह शिव का पावन ।।

*-- मोहित जागेटिया*

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