Thursday, July 1, 2021

तुम्हें आज गा रहा हूँ


तुम्हें मैं लिख रहा हूँ तुम्हें आज गा रहा हूँ।
देख खुशबू को, तेरे मैं करीब आ रहा हूँ।

तेरी चाहत को करीब से देखा है मैंने,
इसलिए हाल दिल का तुम्हें मैं बता रहा हूँ।

तुम्हारी इस मोहब्बत को दिल में बसाया है
तुम्हें देख कर अब तो मैं सुकून पा रहा हूँ।

इस सफ़र में तुम्हारा साथ जो रब से मिला है
इन प्यार के रिश्तों को प्यार से सजा रहा हूँ।

मेरे ख्वाबों की कहानी अब हकीकत होगी,
तेरे प्यार का, अम्बर धरा से मिला रहा हूँ।

मेरी कविताओं से शब्दों के भाव से आज,
दिल का दर्द गा कर तुम्हें हाल दिखा रहा हूँ।
मोहित जागेटिया

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