Sunday, May 11, 2025

धरा ये पुकारती पुकारती माँ भारती

जवानों तुम देखों सरहद आज पुकारती।
दुश्मन की हर चाल हम सबको ललकारती।
तुम शौर्य की आज फिर ऐसी गाथा लिख दो,
धरा ये पुकारती -पुकारती माँ भारती।

तुम बढ़े चलों-बढ़े चलों भारती के लाल। 
पहचान लो अब सारे दुश्मन की हर चाल।
मिटा दो उसको कहे कोई था? कल कोई,
आज बड़े चलो वीर बनो दुश्मन का काल।।

भवानी का रूप बन सरहद पर छाएँ है।
महकती इस वतन की हमारी फिजाएँ है।
हाथ मजबूत है रण के आज मैदान में,
आपके साथ देश की सारी दुआएं है।

बुलंद हौसलों से भरी तुम्हारी कहानी।
सरहद पर काम आएं हमारी जवानी।
रण में प्रचण्ड का प्रलय प्रारम्भ हो गया,
मिटानी होंगी दुश्मन की सारी निशानी।।
मोहित जागेटिया


ऑपरेशन सिंदूर


उस सुहागन का ना पाक ने 
सिंदूर उजाड़ा था।
रोई थी सुहागन ज़ब पति का उसके 
सामने धर्म पूछ कर मारा था।
देश क्रोधित हुआ था,
इस घटना को देख कर 
मांग रहा था बदला देश के प्रधान से।
विश्वास था सबको भारत के जवानों पर
देश बदला लेगा सही समय पर।
आज वो सही समय आया 
सिंदूर का बदला भारत के जज्बात 
सैनिक दुश्मन के घर में जा कर।
हनुमान का रूप धर कर 
ऑपरेशन सिंदूर से दुश्मन का खून 
का सिंदूर उजाड़ आये।
गर्ग है हमको हमारे वीरों पर।
मोहित जागेटिया 

हम गंगा के बेटे

हम गंगा के बेटे सिंधु का पानी याद दिलाते है। 
सारे दुश्मन को दुश्मन के घर में मार कर आते है।
ये नया भारत है,ये बदलता भारत,आज का भारत
ऑपरेशन सिंदूर करने दुश्मन के घर जाते है।
मोहित जागेटिया

हमले का जुवाब जरूरी

कुछ ऐसा कर दो मोदी जी !
दुनिया देखे ,
दुनिया में उस 
गद्दार देश जैसा कोई नाम न रहे ।
मिटा दो उसको , 
उसकी कोई 
पहचान न रहे ।
ये गोलियाँ , बारूद , ये मिसाइल 
ये सब तोहफे हथियार किस काम के 
एक बार इन सबको गद्दार देश पर 
आजमा लो । 
उसको उसकी भाषा में 
जवाब दो ।
भारत के जन -जन पर तुम पर 
विश्वास है मोदी जी !
खून का बदला 
अब तांडव से होगा । 
हर एक का हिसाब
इस पार या उस पार कर दो ।
देख रहे 
आपकी आँखों में वो नमी ,
वो गुस्सा भरा है । 
नम आँखें कुछ तो 
कह रही । 
जनता भी आक्रोशित है , 
देश की ये ही मांग है
 इस बार कुछ ऐसा 
कर दो कि
कभी भारत पर कोई आँख न उठाए ।
जनता की आशाओं का 
दीप तुम हो मोदी जी , 
इस बार आप 
उनको छोड़ोगे नहीं ! 
आपने कहा था कि
छेड़ोगे तो छोड़ोगे नहीं , 
ये ही भरोसा
हम सबको आप पर है ।

*-- मोहित जागेटिया*

पहलगांव हमला

जाति और धर्म के नाम पर 
हर बार हिन्दू मारा जा रहा है।
जो लोग कहते थे,
आतंक का कोई धर्म नहीं 
देख लो, आँखें खोल कर,
नाम, जाति, धर्म पूछ कर गोली 
मार वो आतंकी गये.
पहलगाँव में सैलानियों
पर ये हमला कायरतापूर्ण था।
काश्मीर की सुंदरता को,
नई-नवेली दुल्हन साजन संग 
सँवार रही थी।
नये सपनों की उड़ान ले कर 
काश्मीर की सुंदरता देखने आई थी।
सोचा न था, नये सपनों को 
बीच सफ़र में वो कायर दुश्मन कुचल देंगे।
जीवन के सफ़र का 
वो नाम पूछ कर अंत कर देंगे।
भारत माँ के मुकुट पर जो 
ये खून का कलंक लगाया।
उसका आँखों में आँसू,
दिल में दर्द भरा, तन पर गुस्सा है।
हिम्मत हो तो आएं हमारे जज्बात
जवानों के सामने। हम सबको 
नोच देंगे। हर खून का बदला लेंगे।।

*-- मोहित जागेटिया*

Sunday, March 16, 2025

नव वर्ष

ये मौसम भी वही है, ये दिन और रात भी वही है। 

सबका देखने का नजरिया और हालत भी वही है।

वही कल था, वही ये आज है,कैसा ये वो नव वर्ष,

रोज आता वही जिसकी फिर सुबह शाम वही बात है।

मोहित जागेटिया 




Wednesday, November 13, 2024

शुभ दीपावली

आप सभी को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं,,,
 ये दीप शिखा हर घर आँगन को जगमगा कर रोशनी से प्रकाशित करें। जीवन के अंधकार में प्रकाश का दीप जले।मां लक्ष्मी सबके घर सुख शांति समृद्धि भरे।
 
*शुभ दीपावली* 

अमावस काली रात हैं। 
दीप की ये बरसात हैं।
जग मगाती ये रोशनी, 
हर ख़ुशी की सौगात हैं।

रोज समृद्धि का मान हो।
जलते दीप का दान हो। 
हर घर लक्ष्मी आएगी,
पूजा करें वो ध्यान हो।

 खुशियों का दीप जलाओ।
 अपनों को गले लगाओ।
 आज ये यह दिवाली हैं,
 मिलकर त्यौहार मनाओ।।
 
 अपनों का साथ निभाओ।
 आंगन को खूब सजाओ।
 इस मन का द्वेष मिटा कर,
 अपनों से प्यार बढ़ाओ।

सजे मन,दिल का हर द्वार।
खिले हर रिश्तों में प्यार।
सब में खुशियाँ जो भर दे,
ये दिवाली का त्यौहार।

मोहित जागेटिया 
गाँव -सिदडियास