कभी तो पागल लिखूंगा
बरसती आँखों को में खुद को बादल लिखूंगा ।
तेरी मोहब्बत में कभी तो पागल लिखूंगा ।।
जिंदगी की राह में प्यार के सफर में खुद को
कभी गीत,कभी शायरी खुद को गजल लिखूंगा।।
कभी तेरी आँखों को तारा ,दिल को दुलारा
खिलती तेरी हर अदा को आज कमल लिखूंगा।।
में हर दिन सुबह का सवेरा रात का अँधेरा
तेरे ख्यालो में खुद को आज घायल लिखूंगा।।
तेरी खिलती मुस्कान पर हर दिन में फ़िदा हूँ
तुमको पाने के लिए आज और कल लिखूंगा।।
मोहित
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