Monday, January 22, 2018

जय माँ सरस्वती

तेरी वंदना के आज गीत गाहूँ
मेरे शब्दों से तुमको में रिजाहूँ।।
मेरे शब्दों को तुमनें सवारा है
मेरे गीतों को तुमने निहारा है
ये ज्ञान का दीप तुमने जलाया है
मेरे शब्दों को तुमने बनाया है।।

तेरी वंदना के आज गीत गाहूँ
मेरे शब्दों से तुमको में रिजाहूँ।।
करू वंदना तेरी वो ज्ञान देना
भारत वंदना का शब्द दान देना
हर शब्द शब्द मेरा अब बिखर जायें
तेरी वंदना से शब्द निखर जायें।।

तेरी वंदना के आज गीत गाहूँ
मेरे शब्दों से तुमको में रिजाहूँ।।
गीत, संगीत को तुमने सजाया है
हर कला को इंसान में बसाया है
हे स्वेत वस्त्र धारणी मेरा वंदन
वीणा वादनी तुमको हर बार नमन।।

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