कोई मोनु कहता है कोई मोहित कहता है । बस मेरे दिल में तो मीत और प्रीत रहता है । जिसने जिस रूप में मुझे आज स्वीकार किया है, मेरा दिल भी उसको उसी रूप में समझता है।। मोहित
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