तुम कभी हवाओं में दीप जलायें रखना।
खुद को कभी देश के लिए जगायें रखना।
तिरंगे के खातिर जाने कितने मिट गये ,
तुम इस तिरंगे को दिल में बसायें रखना।
मोहित जागेटिया
No comments:
Post a Comment