माँ शब्द में वो सामर्थ्य ,शक्ति और साधना है जो किसी और शब्द में नही है।माँ शब्द में कठोर तप,तपस्या, समर्पण है।माँ शब्द में करुणा,दया के भाव भरा है।माँ से ही ये संसार बना है।माँ है तो हर घर आंगन में खुशहाली है।बिना माँ की कुछ नही है।
हमेशा ही मेरा वो ख्याल रखती है।
जिसकी दुआयें मेरे साथ चलती है।
कितना ही झूठ क्यों न बोलू इस रब में
एक माँ जो मुझ पर विश्वास करती है।।
मोहित
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