Tuesday, May 8, 2018

तूफ़ान

गम  के  साये  में  रहने  वाला  आज मुस्कान क्या जाने।
हम पर क्या क्या गुजरी अब वो नादान इंसान क्या जाने।
हवा और आंधी के साथ उड़ गया आज परिंदों का घर,
तिनका तिनका से बना एक घोसला तूफान क्या जाने।।
मोहित

No comments:

Post a Comment