गम के साये में रहने वाला आज मुस्कान क्या जाने। हम पर क्या क्या गुजरी अब वो नादान इंसान क्या जाने। हवा और आंधी के साथ उड़ गया आज परिंदों का घर, तिनका तिनका से बना एक घोसला तूफान क्या जाने।। मोहित
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