Thursday, May 24, 2018

नेता

सियासत में उससे मैं अपना कैसे मान लेता।
जो अपना था आज कैसे अपना पहचान लेता।
गिरी है और गिर रही आज हमारी ये सियासत
में नेता की विरासत को अब कैसे जान लेता।।
मोहित

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