Tuesday, July 30, 2019

मन मेरा भी व्याकुल हो जाता है

ये दिल तुम्हें याद करता है हर बार।
तुम सावन की रिमझिम रिमझिम हो फुहार।
इस जीवन के सफर में हमसफर बन कर,
इस दिल मे तुम हो, मिला तुम्हारा प्यार।।

इस जीवन की तुम रोज नई प्रभात हो।
महके जो जिंदगी वो तुम बरसात हो।
इस जीवन का अब अंधकार मिट जाएं,
आज सपने सच होते तुम मेरी रात हो।।

ये मन मेरा भी व्याकुल हो जाता है।
जब ये दिल उन ख्वाबो में खो जाता है।
जब जब तन्हा होता मेरा ये दिल भी,
उस पल तेरी यादों में रो जाता है।।

मेरे जीने की तुम मेरी नई आस हो।
दूर नही अब रोज तुम मेरे पास हो।
मेरे दिल के फूलों की कलिया अब तुम,
अब पतझड़ नही तुम मेरा मधु मास हो।।

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

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