Tuesday, December 17, 2019

ग़ज़ल(वो प्यार हमारा अमर होगा)

आज प्यार का सफ़र अब हमसफ़र होगा ।
कल तक जो उधर था अब वो इधर होगा ।

रिश्तों का आँगन सज कर जहाँ रहेगा ,
वो हमारी दुनिया का आज घर होगा ।

जिस सफर में जीवन साथी साथ होगा ,
वो सफ़र तो अपना जीवन भर होगा ।

जो कल तक वही गाँव में रहते थे वो ,
उसकी खुशबू से महकता शहर होगा ।

रिश्तों को जोड़ कर रखेगा जो बँधन ,
सच में वो प्यार हमारा अमर होगा ।

गठबँधन दो दिलों का होगा प्रेम से ,
क्या ख़ूबसूरत रिश्तों का मंज़र होगा ।

जो संबंध समाया दिल की धड़कन में ,
उस रिश्ते का ज़िंदगी में क़दर होगा ।

-- मोहित जागेटिया
   भीलवाड़ा राज.

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