Mohit jagetiya
Thursday, December 5, 2019
सब कुछ छोड़ कर
सब कुछ छोड़ कर क्यों हम से वो हार जाते हैं ।
मेरी ख़्वाहिश के लिए ख़ुद को मार जाते हैं ।
मेरी धड़कन मेरी साँसों से उनके रास्ते ,
मेरी इच्छा बिना कभी नहीं पार जाते हैं ।।
-- मोहित जागेटिया
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