Mohit jagetiya
Tuesday, December 24, 2019
CAA पर मुक्तक दंगे
आग लगा कर तुम क्यूँ देश जलाते हो ?
अपने हो कर आज पराये बन जाते हो ।
इस मोहब्बत की मिट्टी से नफ़रत क्यूँ ?
जब वतन के गीत तुम सब भी गाते हो ।।
-- मोहित जागेटिया
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