*दोहें गुरुदेव पर*
1
नमन करे,हर बार हम, पूजा से सत्कार।
गुरुवर को वंदन करें,गुरु से ये संसार।।
2
जटा सजी गुरु शीश पर ,होठों पर मुस्कान।
दिव्य ज्ञान की रौशनी,दूर हटे अज्ञान।
3
गुरुवर चरणों में नमन ,नमन झुकाकर शीश।
अतिसुंदर जीवन मिलें,देना तुम आशीष।।
4
अंधकार मन का मिटे,हो जीवन उद्धार।
जीवन खुशियों से भरे,हो जीवन भव पार।।
मोहित जागेटिया
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