Saturday, September 7, 2019

रेखा

              मुक्तक

तुम ही मेरी जिंदगी मैं तुम्हारा प्यार हूँ।
तुम मेरा सफर मैं तुम्हारा राजकुमार हूँ।
रब से तुम्हें बनाने मैं तुमको अर्धांगनी ,
आज तुम्हें लेने आया तुम्हारे द्वार हूँ।।

अब होगी तुम्हारी और मेरी ये कहानी।
तुम्हारी आँखों से कभी नही आएं पानी।
ये रिश्ता तुम से मैने तन मन से जोड़ा है,
तुम्हें बना कर रखूंगा हर पल मेरी रानी।।

जन्मों का रिश्ता साथ फेरो से निभाऊँगा।
आज रब से तुम्हें मेरी दुल्हन बनाऊँगा।
अब तुम्हारे प्यार के बंधन में बंध कर मैं,
हमेशा जिंदगी तुम्हारी अब महकाऊँगा।।

हर फेरों से बांध लिया जन्मों का ये बन्धन।
एक दूजे को हमने कर दिया अर्पण तन मन।
मैंने रीति रस्मों संग थामा हाथ तुम्हारा।
रेखा तुम बन गई ,हमेशा को मेरी दुल्हन।।

मोहित जागेटिया

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