रंग गुलाल खेलने और जल में झूलने चले श्याम।
सारी बस्ती सज धज तैयार आएं जैसे वो राम।
भगवान श्याम के स्वागत में सारे नगरवासी खड़े ,
सारी नगरी नगरी द्वार द्वार प्रभु का बन गया धाम।।
मोहित जागेटिया
पग पग उसका धाम है,मुरली वाला नाम।
जहाँ बिराजे कोटड़ी,वो प्रभु मेरे श्याम।।
आते जाते भक्त है,सच्चे वो दरबार।
जहाँ बिराजे श्याम है,उसकी जय जयकार
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