Saturday, September 21, 2019

न्यायकर्ता

न्यायकर्ता
न्याय ,अन्याय के खिलाफ होता है
अगर अन्याय अपराध हो तो
अपराध का दंड होता है।
और अपराध का दंड नहीं हो तो
अन्याय की पुनरावृत्ति होती है।
जो भी पंच और न्यायकर्ता
अपने कर्तव्य पालन करता
और ईश्वर रूप धारण कर
निष्पक्ष न्याय करता है।
वो पंच परमेश्वर का आकार बन
दोषियों को सजा देता।
न्यायकर्ता में ईश्वर की शक्ति
होती है वो ईश्वर के समान न्याय देता
अपराधी को अपराध के अनुसार
दंड और निर्दोष को बाइज्जत बरी करता है।
वो एक सच्चा पंच या न्यायकर्ता
कहलाता है।

✍ मोहित जागेटिया

No comments:

Post a Comment