हम दिनों के चैन चुरायेंगे,
सपने रोज नयें बनायेंगे।
देख ली तुम्हारी चाहत को,
अब मिलने हम रोज आयेंगे।।
रात की नींद में जगायेंगे,
ख्वाब रोज हम बनायेंगे ।
दिल में तस्वीर तुम्हारी हो,
तुम को दिल मे हम बसायेंगे।।
नैनों में तुमको सजायेंगे,
ज़िंदगी अब संग बितायेंगे।
प्रीत की डोर तुम से बांध कर,
ये जीवन तुम पर लुटायेंगे।।
हम साथ तुम्हारा पायेंगे,
उम्र भर तुमको अब चाहेंगे।
इस दिल की धड़कन की धरा पर,
रोज सुमन तेरा खिलायेंगे।।
-- मोहित जागेटिया
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