Friday, September 11, 2020

जल झुलनी पर


सुंदर शोभा श्याम की,सजा कोटड़ी धाम।
जन जन के आराध्य हो,दर्शन दो घनश्याम।।

हम दर्शन कैसे करें,बंद पड़ा दरबार।
कैसे आये कोटड़ी,घर से जय जयकार।।

लाखों भक्तों की सुनो,सुन लो तुम सरकार।
आज महामारी मिटा,दर्शन दो इसबार।।

आस्था का विश्वास है,आज कोटड़ी नाम।
ये धन्य धरा कोटड़ी,जहाँ बिराजे श्याम।।
मोहित जागेटिया

No comments:

Post a Comment