Thursday, September 17, 2020

कभी में गीत


कभी में गीत लिखता हूँ ,कभी में कविता सुनाता हूँ।।  
मिला जो दर्द का सागर ,उससे शब्दों में गाता हूँ।
मिलें कितने ही ये ज़ख्म खुद को घिरने नहीं दिया है
मगर सपने नहीं टूटे,उनको मैं रोज सजाता हूँ।।
मोहित जागेटिया

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