Wednesday, April 18, 2018

प्रेम पत्र 3

जिंदगी के इस सफर में अनजान ,अजनबी से न जाने किस तरह हमारी पहचान हो गई।वक्त की आंधी के बीच हम भी चलते गयें और मोहब्बत की राह हमारी मजबूत हो।हर पल एक दूजे में खो जाना एक दूजे की चाहत सी हो गई।सोचा न था जिंदगी में इतना हसीन पल भी आएगा।एक दूजे के बिना जीना जिंदगी नही लगेंगी ।पर अब वक्त के साथ बदलना और वक्त से साथ चलना एक दूजे की मजबूरी है।
धधती आग में चलना होगा ,ससक्ति छाव में रहना होगा।
नम आँखे होगी, साँसे थम रही होगी, दिल धड़क रहा होगा तुम जा रही होगी मेरे ह्रदय के द्वार से दूर ये दिल तुमको कुछ नही कह रहा होगा। बस मेरी आँखें तुमको देख कर बरस रही होगी।
ये दिल कल वाली याद में आज रो रहा होगा ।
न जाने कैसे कैसे सपने देखे थे।आज उन सपनों में खो रहा होगा ।जैसे टूट कर तारा आसमान से नीछे गिर रहा होगा।। भूल तो नही रहा होगा पर भुलाना होगा।।
जाने अनजाने में गलती भी हुई होगी उसको तुम माफ़ कर चली जाना।तुम्हारा अहसान और अहसास इस दिल को हमेशा याद रहेगा ।दिल से तुम कभी मत भुलाना
में हमेशा अपने ह्रदय में तुमको एक मूरत की तरह रखूंगा।हमेशा तुम्हारी पूजा वंदना करता रहूंगा।
तुम्हारा प्यार मेरी पहली मोहब्बत से भी कही दूना ज्यादा था।तुमने मुझे हर प्रकार से अपनापन का अहसास का आभास कराया है।
आपके लिए ये ही शुभकामना दे रहा हूँ,,,,,
                ""मुबारक हो""

मधुर मिलन की मधुर वेल में

मिलने का मौसम आया है।

मिल कर एक दूजे की

जिंदगी को सवारने का

वो हसीन पल आया है।

पतझड़ गई बसन्त आई

उपवन में फूल खिलने

का मौसम आया है।

तुम जो एक हो रहें हो

वो शुभ वेला आई है।

मंगल परिगहन में बंध जाओ

मंगल कामना करता हूँ।

मधुर मिलन की मधुर वेला में

मंगलमय हो जीवन आपका

उमंग उल्लास एवं आनन्द के

इन मधुर क्षणो में मधुमय हो

जीवन आपका।।

ये ही मेरी आपको हार्दिक शुभकामनाएं।।

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