मेरी आँखों ने तेरे ख्वाब को आज पाला है । तेरी हकिगत को हकितग हमने भी अब जाना है। इन नजरों से दूर हो दिल के तो फिर भी पास हो, इस दिल ने तुमको ही अपना ही अपना माना है ।
मोहित
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