"अब मौसम बदल रहा है"
अब मौसम बदल रहा है,
फ़िजा का रूप खिल रहा है ।
ये आंधियां चल रही है,
प्रियतमा ,प्रिय मिल रहा है।
ये मौसम भी तुम देखों,
आज कितना सुहाना है।
छोड़ कर प्रिय तुम्हारा
आज परदेश आना है।
मौसम की पहली बरखा,
आज हल्की हो रही है।
ये ख्वाब जो आज देखा
उस ख्वाब में सो रही है।
कभी सर्द राते गुजरी
गुजरी बिन मुलाकात।
होगा मिलना तुम्हारा,
होगी मिलन की बरसात ।
उपवन में फूल खिलेंगे,
लता की महक जाएगी।
आज इस दिल के चमन पर
हर हरियाली छाएगी।।
मोहित
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