सम्बन्धों में ये कैसा आज अनुबंध है। नजरों से दूर फिर ये कैसा सम्बन्ध है। जिसकी चाहत में हमने जिसको जब पाया आज उन रिस्तों में मिलने पर प्रतिबंध है । मोहित
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