अंधेरी काली रातों में वो दिल का दरवाजा खोलेगी । मेरी सासों के मोती को जब खुद की सासों में पोलेगी। उस रात उस पागल लड़की पर में प्रीत के जब गीत लिखूंगा, मेरी मीत पर अमावस की काली रात की प्रीत बोलेगी। मोहित
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