''मैं तुम्हारा कान्हा"
मेरी प्रीत तुम से राधे मैं तुम्हारा कान्हा।
मेरे गीत तुम से राधे मैं तुम्हारा कान्हा।
मैं तुम्हारा घनश्यान हूँ तुम मेरी राधे हो,
बन्धन रीत तुम से राधे मैं तुम्हारा कान्हा।।
राधे तुम मेरी ओजल सी आँखों का नीर हो।
बन्धन के प्रीत की रीत तुम राधे तकदीर हो ।
जहाँ जहाँ राधे तुम हो वहाँ मैं रहता राधे,
मेरी परछाई तुम राधे मेरी तस्वीर हो।।
मेरे जीवन के सपनों का श्रृंगार हो राधे।
मन मोहन के जीवन का तुम अवतार हो राधे।
राधे तुम से मन मेरा हमेशा खिल जाता है,
मेरे मन के आंगन पर खिलता हार हो राधे।।
मन मोहन मेरा नाम मैं तुम्हारा कान्हा हूँ।
मेरे चरणों मे धाम मैं तुम्हारा कान्हा हूँ।
मोर मुकुट बंशी वाला मैं गाय का ग्वाला हूँ,
मैं तुम्हारा ही श्याम मैं तुम्हारा कान्हा हूँ।।
मोहित जागेटिया
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