रंगीन गुबारों से मंडप को सजाया था। पुष्प वर्षा कर के गुरुवर को नहलाया था। सभी को नचाया था प्रसाद सबको खिलाया आज जन्मदिन गुरुदेव का ऐसे मनाया था।। मोहित
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