Tuesday, November 13, 2018

बड़े पापा को श्रद्धांजलि

आज मेरे बड़े पापा की दूसरी पुण्यतिथि पर मैं उनकी चरणों मे कोटि कोटि वंदन करता हूँ।
मैं अपनी श्रद्धा के भाव शब्द रूपी सुमन से उनकी चरणों मे अर्पण करता हूँ।
वो आत्मा जो परमात्मा के पास चली गई ।पर सदैव हमारे आस पास रहती है।वो दीपक बुझ तो गया है पर उसकी रोशनी हमेशा हमारे पास रहती है।उनके बतायें हुए संस्कारों पर पलना ।उनके बताएं हुए आचरण पर चलना।ये हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। जागेटिया परिवार उनकी यादों को हमेशा दिल मे सजा के रखा है।उनकी बातों का अनुशरण हमेशा करता रहता है।
परिवार को नई ऊंचाई पर ले जाना परिवार को नयें आयान देना उनका आदर्श रहा है।परिवार को एकता की डोर में बांध के रखना।लोगों से प्रेम स्नेह से रहना न्यायसंगत फैसले करना।सबसे विश्वास में रहना उनकी पहचान रही है।इसी शब्द भाव से मैं उस दिव्य आत्मा को नमन करता हूँ।।

*मैं आसमान  के  चांद सितारों  में दर्शन करता हूँ।
परिवार की और से उनको भी मैं वंदन करता हूँ।
ह्र्दयपूर्वक भाव रूपी प्रेम से उस दिव्य आत्मा को
मैं शब्द सुमन उनकी चरणों मे ये अर्पण करता हूँ।*

*दूर  रह  कर  भी  वो  दूर नही दिल के पास है।
है  साथ  हमारे  आज  भी ,हमको आभास है।
उनकी वो  रोशनी हर फिजा में बिखर गई अब,
वो दीपक बुझ गया,पर उसका आज प्रकाश है।
मोहित जागेटिया*

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