Thursday, November 1, 2018

लेख4

दीपावली के पावन पर्व की आपको सभी को हार्दिक शुभकामनाएं और मंगलकामना।
अमावस की काली रात में दीपों को सजा कर प्रकाश की विजय होगी।यानी बुराई पर अच्छाई की जीत होगी।अंधकार मिटेगा और प्रकाश होगा।दीपावली के त्योहार को रौशनी का त्योहार भी कहाँ जाता है।इस दिन भगवान राम रावण का वध कर के अयोध्या लौटे थे।अयोध्या वासियों ने भगवान राम के स्वागत में घी के दीये जलायें थे।हर और खुशिया ही खुशिया थी।
आज भी हर घर आंगन सज कर तैयार हो जाता है।हर घर बाजार रौशनी से नहाते है।माँ लक्ष्मी हर घर द्वार आये।इसलिए माँ लक्ष्मी की हर घर मे पूजा वंदना होती है।व्यापारी इस दिन से अपना नया व्यापार शुरू करते है।व्यापारियों का दीपावली से नया वर्ष होता है।सब लोग नए कपड़े पहनते।सब नई नई वस्तुएं होती है।लोग आपस मे मिलते है।एक दुझे को मिठाई खिलाते है।बस हर और खुशिया हो खुशिया होती है।ये त्योहार है प्रेम भाईचारे होता है।
लेकिन आज कल वो त्योहार नही रहें जो पहले हुआ करते थे।आज सबके पास समय का अभाव है।आज आपस मे वो प्रेम भाईचारा नही रहा जो पहले हुआ करता था।अब सब लोग एक दुझे को फोन पर ही शुभकामनाएं दे देते है।आपस मे मिलने का समय नही है।वो पटाखे नही रहें जो दीवाली पर होते थे।पटाखे होते भी है तो भी छोटी छोटी बातों पर लड़ाई हो जाती है।उस मिठाई में वो अब मिठास नही रही।मिठाइयों में मिलावट का जहर आने लगा है।
कुल मिला कर लोंगो के दिल मे अपनापन नही रहा है।आज कल सबके दिल मे द्वेष,क्रोध और कही प्रकार की बुराइया रहती है । इस दीपावली पर हम सब ये ही चाहते है मन के अंदर दिव्य ज्योति की जोत जला कर।बुराइयों के अंधकार को मिटा कर अच्छाई का प्रकाश फैलाएं।
मोहित जागेटिया

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