मधुशाला परिवार ने दिया जो मुझें प्यार।
में उसका करता हूँ शुक्रिया वह आभार।
साहित्य यात्रा ऐसे ही अब चलती रहें,
इस सम्मान को दिल से करता हूँ स्वीकार।।
मेरे शब्दों को हमेशा मिलती रहें उड़ान।
हर चेहरे पर हो मेरे शब्दों से मुस्कान।
मेरी कलम हर पल सच्चाई पर चलती रहें,
सदा यू ही मिलता रहें हमेशा सम्मान।।
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