उठ कर good morning का
इंतजार कर रहा था
उठे हो या नही इस बात का
बवाल कर रहा,जैसे जैसे वक्त निकला
खाना खाया या नही खाया
टिपन लिया या नही लिया
ये सवाल स्कूल जाने से पहले कर रहा था
जैसे बस जाती है उससे तुमको देखने का
मैं इंतजार कर था।।
होता है तुम्हारे लंच कब बस
उस लंच में खाना खाया या नही खाया
इस sms का इंतजार में था।
सो जाता तुम्हारा sms देख कर
जब नींद खुलती तो तुम्हारा
आने का इंतजार होता
कब तुम्हारी बस आएगी
कब तुम मुझे दिखोगी।
बस आने के बाद फिर ये सवाल फिर होता
क्या खाना खाया या नही खाया
क्यों नही खाया अभी तक,
फिर तोड़े समय बाद
आपका sms आता में पानी लेने जा रही हूँ
आने के बाद बोलते में सब्जी ले कर आ जाती हूँ
फिर आप से बात करूँगी,
बाद में बात करते करते शाम ढल जाती
में फिर घर आता ,,आपके sms करता
वापस घर से आता आपको बोलता
आप भी दीपक करने आ जाओ,,,,
आते वक्त तोड़ी सी मुलाकात होती
दिल मे सुकून मिलता,,
जब रात होती तुम भी खाना खा लेती
में तुम्हारे कॉल करता फिर से वापस तुम
कॉल करती,बात बात में लड़ाई हो जाती
में तुमको मनाता तुम मुझे मनाती
ऐसे में रात हो जाती,,,,,,सच मे
ये एक सच्चे प्रेम की कहानी है
इसको देख के आज आखों में पानी है।
Tuesday, April 2, 2019
सच मे प्रेम
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