Saturday, April 6, 2019

आया सखी तेरा साजन

आज आया सखी तेरा साजन।
खुद को सवार ले अपने तन मन।
कर ले आज तू सोलह श्रृंगार,
माथे पर बिंदिया हार कंगन।।

सज के बन जा राजा की रानी।
नयनों से न आये कभी पानी।
चमकती रहें निशा की चांदनी,
हो जायें अब ये भोर सुहानी।।

सपनों वाली आज ये रात हो।
गीत गज़लों में सारी बात हो।
आज साजन से प्यार इतना हो,
आलिंगन वाली मुलाकात हो।।
मोहित जागेटिया

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