बहती नदिया का वो भी एक किनारा था।।
जिंदगी से कभी नही मौत से हारा था।
उसकी यादों की कहानी में क्या लिखूं अब,
चमकती रोशनी का एक वो सितारा था।
मोहित
कल जो आबाद था वो आबाद रहेगा कल।
सब की आखों में बहता आज आँसू का जल।
हम सब के दिलो पर जिसका राज रहेगा अब
वो अटल थे अटल है हमेशा रहेंगे अटल।
मोहित
खिला जो फूल वो वतन के उपवन में
समाया आज हर एक की धड़कन में ।
उसकी याद की महक होगी यहाँ पर
आज हर और महक रहा इस चमन में।
दीपक की लो थी वो,आज बूझ गया
सूर्य से सुशोभित होगा वो गगन में।
मिट न पाएगी उसकी याद धरा से
देश की भूमि में समाया कण कण में।
मोहित
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