भारत भारती के लोगों
भारत धरा से प्यार करो।
दिल मे अरमान ले कर तुम
आज मंजिल को पार करो।।
हमको दुश्मन की हर खता
आज फिर ललकार रही।
हिमगिरि से आ रही गंगा
हम सबको आज पुकार रही।।
इस भारत भारती के हर
दुष्ट का अब संहार करो।
अब अटल हिमगिरि चीख रहा
हिमशिखर का उद्धार करो।।
बन कर अब तुम महाराणा
गहरी नींद से जाग उठो।
आज ले कर अपना भाला
शिवा बन के अनुराग उठो।।
बड़ा कर कदम आगें बड़ो
हर धरा पर अधिकार करो ।
नयें भारत का दीप जला
नव भारत का श्रृंगार करो।।
भारत भारती के लोगों
भारत धरा से प्यार करो।
दिल मे अरमान ले कर तुम
आज मंजिल को पार करो।।
मोहित
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