इस धरती पर हम भी अपना फर्ज निभाएं।
हम भारत को स्वच्छता की और बड़ायें ।
अब इस धरती का वातावरण तो शुद्ध हो ,
आओ मिल कर इस धरती पर पेड़ लगाएं ।
खिलता हुआ हमेशा मेरा ये चमन रहें ।
खुश्बू आए जिसकी ऐसी ये पवन रहें।
सभी बचाएं नदियों को और पहाड़ों को,
अब बहती नदियों में रेत का कण कण रहें।।
अब मत करो नुकसान कुदरत का ये कहना।
कभी महंगा पड़ेगा ये नुकसान भरना।
अब दूषित हो रहा पर्यावरण ये सारा,
सरक्षण पर्यावरण का हम सभी को करना ।
मोहित
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