''''''""""""""*माँ*'''''''''''''''''''
माँ मूरत हैं प्रेम की,माँ ममता का प्यार।
माँ करुणा और दया,मिला माँ से दुलार।।
जीवन माँ की आस हैं,माँ मेरा विश्वास।
माँ शब्दों की शान हैं,माँ जो मेरे पास।।
जग में माँ अनमोल हैं,माँ से ये वरदान।
माँ पूजा हैं आरती,माँ ही तो भगवान।।
धरती का श्रृंगार हैं,दिव्य ज्योति का ज्ञान।
आज माँ के प्रकास से,मेरा ही अभिमान।।
माँ जीवन की डोर हैं,वो जीवन आधार।
माँ जग सारा सार हैं,नही हैं अंधकार।।
वो सबके जो नाम हैं,सब उसके हैं नाम।
माँ से पावन पुण्य हैं, वो तो आठों धाम।।
मोहित जागेटिया
सब दुख दर्द सहन कर के कब वो माँ सोती है।
पता भी नही जब किसी बात पर माँ रोती है।
कैसे भी कर अपने बच्चों को कभी पालती,
अपने बच्चों के लिए माँ एक माँ होती है।
मोहित जागेटिया
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