Mohit jagetiya
Thursday, May 7, 2020
कब रात हो गई है
ये दिन कब डल रहा था कब रात हो गई।
बिना मौसम के कैसी बरसात हो गई।
आँखों से दर्द के आंसू छलक रहें थे,
जाने क्यों उनसे ये मुलाकात हो गई।।
मोहित जागेटिया
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