कभी उसकी पावन सी पुण्य प्रेम कहानी है। जहाँ पर रहती उसकी वो देह मस्तानी है।। प्रेम के सागर से भरा उसका नेह देह भी, तभी तो उसकी आँखों मे बसा वो पानी है।। मोहित जागेटिया
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