इकरार
दिलों की कलियों में तुम खिलो।
दिलों की गलियों में तुम मिलो।।
नजर से तुम नजरों में रहो।
नजरों से तुम हर बात कहो।।
दिल तुम्हें आज जानता है।
ये अपना आज मानता है।।
नजरों से दूर नही जाना।
हकिगत सपनों में तुम आना।।
ये दिल हमेशा प्यार करता।
तुम्हारा इंतजार करता।।
तुम ही मुझे अब स्वीकार हो।
इस प्यार का ही इकरार हो।।
दिलों से दिल का इजहार हो।
हर जन्म में तुम से प्यार हो।।
मोहित जागेटिया
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