तुम हो मेरे प्रभु तुम्हें वंदन करूँ
चरणों मे तुम्हें शीश अर्पण करूँ ।
हमारी बाधा विघ्न हरता तुम हो
सब के पालन पोषन करता तुम हो।
तुम ही गणपति चार भुजा धारी हो
हाथ में डांडिया मूषक सवारी हो।
तुम देवा ऋद्धि सिद्धि के दाता हो
तुम ही हम सबके भाग्य विधाता हो।
सबके दुख हरो खुशी मिलें हर द्वार
न कोई वेबस मिलें न ही लाचार।
सुख शांति का हमेशा अभय दान दो
हर आंगन में तुम सदा मुस्कान दो।
हर कष्ट दूर हो अब उद्धार करो
प्रथम गणपति तुम नमन स्वीकार करो ।
मोहित
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