किसान
धरती का वो लाल है, हम सब की है शान।
आन बान वो शान है,देश का है किसान।।
जिस मिट्टी ने सब कुछ दिया वो हिंदुस्थान है।
भूखा प्यासा मरता इस देश का किसान है।
हमेशा अपनी मेहनत का सबको खिलाता ,
खुद भूखा रहता क्या ये भारत की शान है।।
हमारी भूख मिटाता कभी खुद भूखा रहता ।
गर्मी, सर्दी , वर्षा खेत की मेड पर सहता ।
रात दिन अपनी मेहनत का पसीना बहाता,
जब जा कर हमारे लिए वो अन पैदा करता।।
हर किसान की फसल का अब सम्मान हो ।
किसान के आंगन में आज मुस्कान हो ।
जहाँ पर हरियाली और खुशहाली हो ,
वो भारत देश का समृद्ध किसान हो ।।
मोहित जागेटिया
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