कुण्डलिया छंद विधान
प्रथम दो पंक्ति दोहा
दोहे के प्रथम व तीसरे चरण में '
13,13 दूसरे व चौथे चरण में 11,11मात्राएं व अन्त में तुकान्त में एक गुरु एक लघु।
चार चरण रोला के
24 मात्रा प्रत्येक में
11,13 यति
11 पर
दोहे का अंतिम चरण रोला का प्रथम चरण
दोहे का प्रथम शब्द रोला का अंतिम शब्द।
जो सुख में भजते नही, दुख में भजते नाम।
सुख में जो भजते कभी, उनका तो है राम।।
उनका तो है राम ,जिनका वो भगवान है।
होता सबका काम,मिलता जब हनुमान है।।
मिलता सबको ज्ञान, होता उनका नाम जो।
पूजा करना मान, सब दुख हरते राम जो।।
मोहित जागेटिया
धरती का वो लाल है, हम सब की है शान।
आन बान औ शान वो , वह देश का किसान।।
वह देश का किसान ,हम सबका भगवान है।
किसान से है धान ,धन्य आज ईमान है।।
कह मोहित कविराय,,प्यार लगन श्रम हरती।
जब ढल जाती शाम, तब करती प्यार धरती।।
मोहित
आज बधाई जो मिली,मुझे खूब स्वीकार।
तन मन से है शुक्रिया,तहदिल से आभार।
तह दिल से आभार, आप भी सदा मौज में।
मिलें जु खुशी हजार, बनी रहें जो रोज में।।
धन्यवाद स्वीकार ,बना रहें मेरा ही काज।
बना रहें ये प्यार, कल जो था वो ही आज।।
मोहित
जनता राजस्थान की, मेडम से नाराज।
कोई सुनता भी नही ,नही हो रहा काज।।
नही हो रहा काज ,सुन लो मेडम आज तो
अब जाएगा राज ,नही बचेगा राज तो
तुम्हारी ये हार , तुम से कुछ नहीं बनता
नही रहा अब सार, रही परेशान जनता।।
मोहित
नाम एक बस राम है, हम सबका वो राम।
सबसे अच्छा नाम है, सबसे प्यारा श्याम।।
सबसे प्यारा श्याम ,श्याम की जो है राधा।
सबसे प्यारा नाम,श्याम राधा बिन आधा।।
जीवन आये काम ,हम करे नेक ही काम।
जीवन होगा पार, है राम एक ही नाम।।
मोहित
No comments:
Post a Comment