कवि हूँ कविता से देश की जनता को प्रणाम देता हूँ। मुल्क पर लड़ने वाले जवान को में सलाम देता हूँ। अब इस वतन के लियें मैं रोज लिखता गाता फिरता हूँ, एकता की मिसाल ले कर प्यार का पैगाम देता हूँ। मोहित
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