शिक्षक
हर तस्वीर बनाता है हर तस्वीर सजाता है
हर तस्वीर में रंग वो मेहनत का लगाता है।
गलत को गलत और सही को सही बताता है
क्या अच्छा क्या बुरा ये हमको तभी समझाता है।
खुद को मिटाता जब पत्थर को हीरा बनाने में
कभी खुद को जलाता ज्ञान दिव्य ज्योति जलाने में
हर सवाल का जुवाब देता हमको समझाने में
वो गिरने नही देता आत्मविश्वास बढ़ाने में।
हमेशा लग जाता एकता का पाठ पढ़ाने में
हर बार वो टोकता रहता कुछ नया सिखाने में
वो खुद परिश्रम करता हमको इंसान बनाने में,
बहुत से रंग भरता हर तस्वीर को सजाने में।।
मोहित जागेटिया
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