बड़ी मुश्किल से गुजारे हर दिन हर वार। मैं था जब अस्पताल में भर्ती बीमार। कभी दर्द भी भूल जाता खैरियत बतातें मुझे मिला जब लोंगो का स्नेह और प्यार।। मोहित जागेटिया
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